एक किस्सा प्यार का

प्यार में दिल तो जैसे पतंग की तरह

उड़ते जाए नीले गहन में

ना किसी का ख्याल हो ना किसी का डर

पंछी बने उड़ते जाए खुली आसमान में

बंधे एक डोर से हम एक दूसरे से

एक डोर से बंधे हमारे रिश्ते

ना समझ इस दुनिया के रीत

उड़ते उड़ते लगे बावरे सा गीत

उड़ना चाहें अनजान रास्ते

ना आज की फ़िकर ना कल की भीत

ज़मीन से फ़लक तक चाहें दुनिया के किसी ओर तक

बंधे रहें पतंग का डोर से प्रीत दूर दूर तक

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